राम मंदिर, अयोध्या
22 जनवरी 2024 को राम मन्दिर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस कार्यक्रम की ख़ुशी आम जनता, श्रद्धालु के साथ साथ कारोबारी जगत को भी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स को जनवरी मे 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने राम मंदिर का भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया था। और इसी दिन से राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हुआ था। कोरोना काल के चलते काम मे रुकावट आयी थी। परन्तु फिर भी भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण समय पर ही कर लिया गया है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आप को राम मंदिर की जानकारी आप से सांझा कर रहे है। आप को जानकारी अच्छी लगे तो ब्लॉग को शेयर कर दिया करे।
प्राण प्रतिष्ठा कब ?
राम मंदिर का मूल मुहूर्त 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक होगा। प्राण-प्रतिष्ठा समय महज 1 मिनट 24 सेकेंड का होगा और इसी समय मे प्राण-प्रतिष्ठा भी होगी। रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त काशी के पंडितों ने तय किया है। यह सम्पूर्ण भारत का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान होगा।
सूत्रों के मुताबिक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के आचार्य (मुख्य पुजारी) मौजूद रह सकते है। और अथिति के रूप मे विश्व के अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे।
इतिहास
भगवान राम का जन्म चैत्र मास की नवमी को 5114 ईसा पूर्व हुआ था। रामायण के अनुसार राम का जन्म अयोध्या में होने से इसे राम जन्मभूमि भी कहा जाने लगा। 15वीं शताब्दी में मुगलों ने राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था।
इस विवाद का हिंसक रूप दिसम्बर, 1992 में तब बढ़ गया था। जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। 2019 मे अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया था, कि सरकार विवादित भूमि को एक ट्रस्ट को सौंप दे। तब विवादित भूमि को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया। 5 फरवरी 2020 को संसद में घोषणा की गई थी। की मंदिर की योजना को स्वीकार कर लिया गया है।
वास्तुकार
श्री राम मंदिर की डिजाइन सन, 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने तैयार किया था। सोमपुर परिवार कम से कम 15 पीढ़ियों से मंदिर के डिजाइन का काम कर रहे है। 2020 में कुछ बदलावों के साथ सोमपुरवासियों द्वारा राम मंदिर की डिजाइन तैयार की गयी थी। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा है। उनके साथ दो बेटे निखिल और आशीष हैं।
निर्माण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने मार्च 2020 में राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू किया था। मंदिर निर्माण स्थल के खुदाई के दौरान एक शिवलिंग और टूटी हुई मूर्तियाँ मिलीं थी। 25 मार्च 2020 को श्री राम की मूर्ति को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक अस्थायी स्थान पर ले जाया गया।
राम मंदिर की चौड़ाई 235 फीट, लंबाई 360 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। 600 हजार क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर जो की बंसी पर्वत, रूपवास, भरतपुर, राजस्थान से लाया गया है। इन्ही पत्थरों से राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।
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अन्य जानकारी
- मंदिर निर्माण मे 4000 मज़दूर काम कर रहे है।
- मुख्य मंदिर के अलावा भगवान राम के गुरु ब्रह्मर्षि वशिष्ठ, ब्रह्मर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, अगस्त्य मुनि, रामभक्त केवट, निषादराज और माता शबरी का भी मंदिर बनना बाकि हैं।
- राम मंदिर परकोटे मे भगवान सूर्य जी, भगवान शंकर जी, माँ भगवती, भगवान गणेश जी और हनुमान मंदिर बनेगा।
- मंदिर मे जटायु की प्रतिमा को कुबेर के टीले पर स्थापित किया जायेगा।
- मंदिर परिसर मे एक भी चाय की दुकान नहीं होगी। क्यों की ट्रस्ट मंदिर मे किसी भी प्रकार की गन्दगी नहीं चाहता है।
- गर्भ गृह मे सफ़ेद मार्बल का प्रयोग हुआ है जो की मकरना, राजस्थान से लाया गया है।
कैसे पहुंचे अयोध्या
सड़क मार्ग
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा बस की सुविधा सभी जगह से 24 घंटे उपलब्ध है।
- लखनऊ से अयोध्या की दुरी 130 KM है।
- वाराणसी से अयोध्या की दुरी 200 KM है।
- इलाहबाद से अयोध्या की दुरी 160 KM है।
- गोरखपुर से अयोध्या की दुरी 140 KM है।
- दिल्ली से अयोध्या की दुरी 636 KM है।
- जयपुर से अयोध्या की दुरी 707 KM है।
रेल
अयोध्या आने के लिए आप को अयोध्या और फैज़ाबाद रेलवे स्टेशन आना होगा।
- अयोध्या रेलवे स्टेशन (AY)
- फैज़ाबाद रेलवे स्टेशन (FD)
हवाई मार्ग
अयोध्या के करीबी हवाई अड्डे गोरखपुर और अमौसी है।
- गोरखपुर एयरपोर्ट से अयोध्या की दुरी 118 KM है।
- अमौसी एयरपोर्ट लखनऊ से अयोध्या की दुरी 125 KM है।