Full Form of B. Ed :- Bachelor of Education
भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से ही गुरु का पद काफ़ी सम्मानजनक रहा है। गुरु के पद को माता पिता के पद के समान आदर्श माना गया है। विधार्थी को शिक्षा में निपुण बनाने के लिए गुरु का हाथ हमेशा से रहा है। गुरु अपने विधार्थी को सही रास्ता दिखाता है। विधार्थी जीवन में उसका गुरु परमात्मा के समान है। बीते समय में गुरु को समाज सुधारक के रूप में भी देखा जाता है। अध्यापक बनना अपने आप में गर्व की बात है। विधार्थी जीवन को शिक्षा देकर अध्यापक सबके हृदय में छाप छोड़ता है। अगर आप भी अध्यापक बनना चाहते है। और आप अनजान है, कि अध्यापक बनने के लिए पहले क्या किया जाए। इसके लिए आपको आपकी योग्यता का पता होना चाहिए। ताकि आप भी बीएड कर पाए। आज का हमारा यह लेख इसी विषय पर है की, क्या है, बी.एड. और कैसे बनाएं इसमें करियर।
बी.एड करने के लिए क्या योग्यता होना अनिवार्य है।
बी.एड की फुल फॉर्म ‘बेचलर इन एजुकेशन’ है। प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बी. एड की डिग्री होनी जरुरी है। बी. एड का कोर्स करने के लिए 12 वीं कक्षा पास करने के बाद ग्रेजुएशन करना अनिवार्य है। आपकी ग्रेजुएशन चाहें किसी भी विषय में हुईं हों। आप किसी भी विषय बीए ,बीसीए ,बीईसी स्टूडेंट्स रहें हों। आप बी.एड कर सकते है। लेकिन बी.एड का फॉर्म भरते समय आपको वहीं विषय चुनने होंगे। जिसमे आपने ग्रेजुएशन की डिग्री को पूरा किया है। बी.एड के लिए आपकी ग्रेजुएशन के अंक मान्य है। ग्रेजुएशन में आपके अंको का प्राप्तांक कम से कम 50% होने चाहिए। इससे कम होने पर आपका बी.एड का फॉर्म नहीं भरा जाएगा।
जानें कैसे।मेरिट लिस्ट में नाम आने पर ही दिया जाएगा कॉलेज में प्रवेश।
बी. एड का फॉर्म भरने के बाद विधार्थियो के लिए एंट्रेस एग्जाम रखा गया है। इस एग्जाम के बिना विधार्थी बी.एड शिक्षण संस्थान में प्रवेश नहीं ले सकता। जनवरी फरवरी के महीने में बी.एड के फॉर्म निकाले जाते है। इसमें अपना आवेदन करें। जून,जुलाई के महीने में एग्जाम करवाया जाता है। जिसके अंदर समान्य ज्ञान, दैनिक विज्ञान, तर्क शक्ति, शिक्षण अभिरुचि, गणित, अंग्रज़ी, हिंदी के प्रश्न पूछे जाते हैं। एग्जाम को पास करेंने के कुछ दिनों बाद मेरिट लिस्ट निकाली जाती है। अच्छे अंक आने पर विधार्थियो को उनके घर के पास स्थित मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है। कम अंक आने पर एडमिशन मिलने में परेशानियां आती हैं। कॉलेज नज़दीक नहीं मिलता है।
बी.एड. की फ़ीस कितनी रखीं गई है।
बी.एड का कोर्स 2 साल का है। प्राइवेट और सरकारी दोनों संस्थाएं इस कोर्स को करवाती है। एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे अंक लेकर आने पर सरकारी कॉलेज में विधार्थी को आसानी से प्रवेश मील जाता है। जिससे फ़ीस का खर्च काफ़ी हद तक बच जाता है। सरकरी कॉलेज में 25-30 हज़ार तक फीस लगती है। प्राइवेट कॉलेज में प्रवेश लेने यहीं फीस 60-80 हज़ार तक लगती है।
मनपसंद विषय का चयन करें।
बी.एड. के विषय का चुनाव आप अपनी रुचि के अनुसार कर सकते हैं। परन्तु ग्रेजुएशन में वह विषय होना जरुरी हैं। अगर आपकी रुचि अर्थशास्त्र में है। बी.एड करते समय आप अर्थशास्त्र विषय चुन सकते हैं। अगर आपकी रूची रसायन विज्ञान में है। आप अपनी बी.एड में रसायन विज्ञान विषय का चुन सकते हैं। इस प्रकार आप अपनी रुचि के अनुसार। जिस विषय का अध्यापक आप बनना चाहते हैं। उस विषय को चुनाव कर सकते हैं।
बी.एड. के दौरान विद्यार्थी को पढ़ाएं जाने वाले विषय।
जैसे- जैविक विज्ञान। रसायन विज्ञान। अर्थशास्त्र। अंग्रेजी। गणित। व्यापार। भूगोल। हिंदी। रसायन। विज्ञान। कंप्यूटर साइंस। आदि विषय।
बी.एड. का कोर्स दो साल के लिए होता हैं। बी.एड. में पढ़ाएं जाने वाले विषयों को इन दो साल के प्रथम एव द्वितीय वर्ष के अनुसार बांटा गया है।
- बाल अवस्था एवं विकास प्रक्रिया।
- अधिगम एवं शिक्षण।
- समकालीन भारत एवं शिक्षा।
- पाठ्यक्रम में भाषा।
- ज्ञान और पाठ्यक्रम।
- पाठ्यक्रम में विषयों की समझ
- समावेशी शिक्षा।
- जेंडर स्कूल एंड सोसाइटी।
- शिक्षा सस्कृति और मानव मूल्य।
- विद्यार्थी अनुशासन।
यहाँ पढ़े क्या है, नयी शिक्षा नीति।
बी.एड. के बाद कौनसे फिल्ड में आप अपना करियर बना सकते है जानें।
दो साल बी. एड का कोर्स को करने के बाद,आप अगर सरकारी अध्यापक बनना चाहते हैं। तो आप उसकी तैयारी भी कर सकते हो। इसके लिए आपको सरकार द्वारा करवाए जाने वाली अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन भरना होगा। इसके अलावा अपना कोचिंग केंद्र खोल सकते हैं। बी. एड के बाद अपना स्कूल खोल सकते हैं। शिक्षा परामर्शदाता बन सकते हैं। प्राइवेट स्कूल, कॉलेज में अध्यापक बन सकते हैं। प्रकाशन गृह अनुसंधान और विकास में अपना करियर बना सकते हैं।