शीर्ष आकर्षण और गुजरात में पर्यटन स्थल

gir national park - gujrat. Top Attractions and Tourist Places to Visit in Gujarat

गुजरात पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगी है। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर राज्य के प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। माना जाता है कि कृष्‍ण मथुरा छोड़कर सौराष्‍ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे, जो द्वारिका यानी प्रवेशद्वार कहलाया। 

गिर राष्ट्रीय उद्यान

गिर राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एकमात्र स्थान है जहाँ कोई राजसी एशियाई शेर को देख सकता है। इस अभ्यारण्य में शेरों की संख्या बढकर अब 312 हो गई है। लगभग 1,412 वर्ग किलोमीटर भूमि के क्षेत्र में फैला, यह भारत का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जहां एक आदिवासी समुदाय ने वन्य जीवन के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की कला को सिद्ध किया है। पार्क पश्चिमी भारत में सबसे बड़ा शुष्क पर्णपाती जंगल भी समेटे हुए है। एशियाई शेर के अलावा, पार्क में पक्षियों की 300 प्रजातियों और कई अन्य जानवरों का भी घर है। गिर राष्ट्रीय उद्यान में दर्शनीय स्थलों की सैर का सबसे अच्छा तरीका जीप सफारी है।

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर, जूनागढ़ जिले में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।वास्तुकला में मंदिर भव्यता प्रदर्शित करता है। यह मंदिर वास्तुकला की चालुक्य शैली में निर्मित है, यह लगभग 50 मीटर लंबा एक शिखर समेटे हुए है। यह अपनी जटिल नक्काशी, चाँदी के दरवाज़े, प्रसिद्ध नंदी की मूर्ति और मुख्य आकर्षण शिवलिंग के साथ आगंतुकों को प्रभावित करता है। इसका विशाल प्रांगण मंडप (हॉल) है। मंदिर से आप अरब सागर के अविश्वसनीय दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान यहां एक अलग ही रोमांचक समय होता है।

द्वारका

द्वारका गुजरात स्थित एक नगर तथा हिन्दू तीर्थस्थल है। हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसे बसाया था। द्वारका भारत के सात सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। 2005 में द्वारिका के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में भारतीय नौसेना से मदद ली गयी। अभियान के दौरान समुद्र की गहराई में कटे-छटे पत्थर मिले और यहां से लगभग 200 अन्य नमूने भी एकत्र किए, लेकिन आज तक यह तय नहीं हो पाया कि यह वही नगरी है जिसे भगवान श्री कृष्ण ने बसाया था। 

आज भी यहां वैज्ञानिक स्कूबा डाईविंग के जरिए समंदर की गहराइयों में कैद इस रहस्य को सुलझाने में लगे हैं।कहा जाता है कि कृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई। आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं।

कच्छ

कच्छ गुजरात एक जिला है। जिले का मुख्यालय भुज है। जिले का अधिकांश हिस्सा रेतीला और दलदली है। कच्छ के धौलावीरा मे हडप्पा संस्कृति 2900 ईसा पूर्व से 2500 ईसा पूर्व मे फली-फूली थी। कच्छ के महाराजा का आईना महल, प्राग महल, शरद बाग़ पैलेस एवं हमीरसर तलाव भुज में मुख्य आकर्षण है, तथा मांडवी में स्थित विजय विलास पैलेस जो समुद्रतट पर स्थित है, जो देखने लायक है। भद्रेश्वर जैन तीर्थ और कोटेश्वर में महादेव का मंदिर और नारायण सरोवर जो पवित्र सरोवरों में से एक है, वो भी घूमने लायक है।

लोथल 

लोथल, प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसा पूर्व पुराना इस शहर खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था। जहाँ से मोती, जवाहरात और कीमती गहने पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मानकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था। उत्खनन स्थल के पास ही एक पुरातत्व संग्रहालय स्थित हैं जिसमें सिंधु घाटी से प्राप्त वस्तुएँ प्रदर्शित की गयी हैं।