जयपुर के प्रसिद दार्शनिक स्थल

राजस्थान की राजधानी जयपुर “पिंक सिटी” के नाम से मशहूर है। जयपुर शहर को निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने सन 1727 में बसाया था। जयपुर का वास्तुकार विद्याधर भटाचार्य था। विद्याधर जी ने जयपुर का नक्शा ज्यामिती रूप से बनाया था। जयपुर के चारो तरफ सुरक्षा की द्रष्टि से 7 दरवाजे और ऊंची ऊंची दिवार बबनायी गयी थी। जिसमे गंगापोल गेट, चांदपोल गेट, घाट गेट, अजमेरी गेट, सांगानेर गेट, सूरजपोल गेट, जोरावर सिंह गेट।

जयपुर अपने किले, स्मारक और स्थापत्य कला से भारत मे ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व मे प्रसिद हैं। जयपुर मे विदेशी पर्यटक भी संख्या मे आते है। जयपुर के वस्त्र और आभूषणों की मांग विश्व के हर कोने मे है। यहाँ का भोजन, तीर्थ स्थल, मंदिर, हवेली, बाजार और त्योहार की रौनक भारत के साथ साथ दुनिया को आकर्षित करती है। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जयपुर के बारे मे आप को जानकारी दे रहे है।

जयपुर के प्रमुख शासक

  • सवाई जय सिंह
  • ईश्वरी सिंह
  • सवाई माधो सिंह
  • महाराज पृथ्वी सिंह
  • सवाई प्रताप सिंह
  • सवाई जगत सिंह
  • महाराजा जय सिंह द्वितीय
  • महाराजा जय सिंह तृतीय
  • महाराजा राम सिंह द्वितीय
  • सवाई माधो सिंह द्वितीय
  • सवाई मान सिंह द्वितीय

जयपुर मे यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च होता है।

जयपुर आने जाने का साधन

  • एयरपोर्ट से
  • रेल से
  • हाईवे से

जयपुर मे घुमने के प्रमुख जगह

जयपुर के प्रमुख मंदिर

  • जैन मंदिर
  • बिरला मंदिर
  • मोती डूंगरी मंदिर
  • रानी सती का मंदिर
  • गोविंद देव जी मंदिर
  • लक्ष्मी नारायण मंदिर
  • जगत शिरोमणि मंदिर

जयपुर के प्रमुख बाघ

  • विद्याधर बाघ
  • रामनिवास बाघ
  • जय निवास बाघ
  • कनक वृंदावन बाघ

जयपुर मे घूमने की जगह :- हवामहल

महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने हवामहल को सन 1799 में शाही महिलाओं के लिए बनाया था। हवामहल झरोखों वाली बलुआ पत्थर से बनी खूबसूरत इमारत है। इस महल को हवाओं के महल के रूप में जाना जाता है।यह पांच मंजिला इमारत है। हवामहल मे 953 खिड़कियां हैं। हवामहल मे एक संग्रहालय में लघु चित्रों जैसी वस्तुएँ रखी हैं।

जयपुर मे घूमने की जगह :- जल महल

जल महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1799 ई. में कराया था। यह पांच मंजिला महल मानसागर झील मे बना हुआ है। जिसकी से नीचे की चार मंजिली झील में डूबी रहती है। यह महल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यहां पर शाम के समय अलग अलग तरह की रोशनी की जाती हैं। जल महल पर शाम के समय पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं। यह महल राजपूतों की स्थापत्य कला का बहुत ही खूबसूरत नमूना है।

जयपुर मे घूमने की जगह :- सिटी पैलेस

जयपुर मे सिटी पैलेस सन 1729 से 1732 ई. के समय महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। जो कछवाहा वंश के राजपूत थे। वर्तमान मे शाही परिवार सिटी पैलेस के चंद्र महल में रहते हैं। सिटी पैलेस में महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय का संग्रहालय भी मौजूद है।

सिटी पैलेस मे सवाई जय सिंह द्वितीय का दीवान-ए-खास महल और महाराजा की सवारी का संग्रहालय बग्गी खाना बना हुआ है। यहाँ चंद्र और मुबारक महल देखने लायक हैं। मुबारक महल में वेशभूषा और वस्त्र प्रदर्शन के लिए रखे हुए हैं। सिटी पैलेस भारतीय और विदेशी पर्यटको के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

जयपुर मे घूमने की जगह :- रामबाग पैलेस

महाराजा राम सिंह द्वितीय ने 1835 मे बनवाया था। सवाई मान सिंह द्वितीय, महारानी गायत्री देवी और उनके परिवार का निवास स्थान हुआ करता था। यह पैलेस जटिल और बेहद खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। पैलेस के सामने सुंदर गार्डन,  हॉल और कृत्रिम झीलें यहाँ की खूबसूरती में बढ़ा देती है। आप शाही परिवारों की भव्य जीवन शैली देखना चाहते हैं। तो आप रामबाग पैलेस एक बार जरूर देख कर आये।

जयपुर मे घूमने की जगह :- जयगढ़ किला

जयपुर मे जयगढ़ किले की एक अलग ही पहचान है। दुनिया की सबसे बड़ी जयबाण तोप के लिए यह किला विश्व प्रसिद है। जयगढ़ किले का निर्माण सन 1726 ई. में सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा किया गया था। इस किले के निर्माण के पीछे एक उदेश्य आमेर किले की सुरक्षा करना भी था। जयगढ़ को विजय दुर्ग भी कहा जाता है, क्योकि इसको कोई जीत नहीं पाया था। यह किला अरावली पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। यह किला चील की पहाड़ी पर स्थित हैं।

जयपुर मे घूमने की जगह :- नाहरगढ़ किला

सवाई राजा जयसिंह ने सन 1734 ई. में नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया था। इस किले का मुख्य उद्देश्य के आमेर की सुरक्षा करना था। देसी और विदेशी पर्यटको को यहाँ की स्थापत्य और वास्तुकला आकर्षित करती हैं।

नाहरगढ़ किले के नाहरगढ़ जैविक उद्यान बच्चों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक मनभावन जगह बानी हुई है। जयपुर चिड़ियाघर को नाहरगढ़ जैविक पार्क में 2016 में स्थानांतरित किया गया था । रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, हिमालयी काला भालू, सुस्त भालू, मगरमच्छ और पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां है। जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती हैं।

जयपुर मे घूमने की जगह :- आमेर का किला

जयपुर के महाराजा मान सिंह ने पहाड़ी पर सन 1592 ई. में आमेर किले का निर्माण करवाया था। जो राजपूत राजाओं के स्थापत्य और वास्तुकला की दास्तां बया करता है। आमेर के किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया था। यह काफी समय तक राजस्थान के शाही परिवार का निवास रहा था। आप किले पर जाने वाले रास्ते पर हाथी की सवारी कर सकते है। किले से शाम को लाइट एंड साउंड शो का आनंद लें सकते है। इस किले के मुख्य आकर्षण दीवान-ए-आम, सुख महल और शीश महल है।

जयपुर मे घूमने की जगह :- अल्बर्ट हॉल

महाराजा माधो सिंह द्वितीय ने सन 1887 ई. में अल्बर्ट हॉल संग्रहालय का निर्माण कराया था। यहाँ पर अलग अलग वाद्य यंत्र और मूर्तियां रखी गई है। वर्तमान मे अल्बर्ट हॉल मुगल काल और ब्रिटिश समय में जयपुर की संस्कृति को दर्शाता है।

जयपुर मे घूमने की जगह :- जंतर मंतर

जंतर मंतर का निर्माण राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा सन 1724 में काम शुरू हुआ और 1734 में पूरा हुआ था। जंतर-मंतर को यूनेस्को की वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल किया गया था। जंतर-मंतर मे हर साल लगभग आठ लाख पर्यटक आते है।

राजा द्वारा जयपुर, बनारस, मथुरा, उज्जैन व दिल्ली पाँच जगहों पर खगोलीय वेधशालाए बनवाई गयी थी। इनमे सबसे विशाल जंतर मंतर जयपुर मे है।जिसे बनाने में दस साल का लंबा समय लगा था। 

ऊंट की सवारी

आप जयपुर घूमने आये तो ऊंट की सवारी का लुफ्त जरूर उठाये। ऊंट की सवारी आप को अल्बर्ट हॉल और जलमहल पर मिल सकती है।

जयपुर का भोजन

आप अगर खाने के शौकीन है, तो जयपुर आप के लिए एक अच्छी जगह है। यहाँ मिट्टी के कुल्हड़ मे लस्सी और प्याज की कचोरी एक बढ़िया नाश्ता हो सकता है। आप अगर मांसाहारी है तो यहाँ के मसलों से बना लाल मास और मटन करी का स्वाद ले। जयपुर की मिठाई घेवर का स्वाद लेना ना भूलें। जयपुर यात्रा मे आप दाल (कई प्रकार की), बाटी (सादा और मसाला), चूरमा (कई प्रकार के) और आचार (कई प्रकार के) को खाना ना भूलें।

जयपुर के बाजार

  • बापू बाजार – यहाँ मोजरी जूते और चमड़े से बने उत्पाद बहुत मशहूर है।
  • त्रिपोलिया बाजार – यहाँ लाख की ज्वेलरी और चूड़ियों के लिए अच्छा बाजार है।
  • जोहरी बाजार – इस बाजार मे विश्व प्रसिद रत्न और आभूषण मिलते है।
  • चांदपोल बाजार – इस बाजार मे पगड़ी, संगमरमर, लकड़ी की मूर्तियां, जूते और हस्तशिल्प की मूर्तियां मिलती है।
  • किशनपोल बाजार – आप यहाँ से सस्ते दाम मे आप को कपड़े मिल जाते है।
  • नेहरू बाजार – यहाँ रेडीमेड कपडे और मोजरी जुती मिलती है।
  • तिब्बती बाजार – आप को यहाँ तिब्बती शॉल, जैकेट, स्वेटर, कोट के साथ-साथ अचार की शॉप मिल जाएगी।
  • बड़ी चौपड़ – आप यहाँ से बेडशीट्स, गिफ्ट, रजाई और बेडशीट्स का सामान खरीद सकते है।
  • मिर्जा इस्माइल रोड – आप को यहाँ से लकड़ी की कलाकृति, मिट्टी के बर्तन और पीतल की मूर्तियाँ मिल जाएगी।
Exit mobile version