सानिया नेहवाल: जीवन परिचय

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बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का जीवन परिचय

भारतीय बैडमिंटन का इतिहास काफी सुनहरा रहा है। इस खेल ने देश को कई नायाब हीरे दिए। लेकिन 2012 में भारत को एक बेटी के रूप में वो बैडमिंटन खिलाड़ी मिली। जिसनें इस खेल के प्रति भारतीय महिलाओं को नजरिया ही बदल कर रख दिया। जी हां, हम बात कर रहें है भारतीय बैडमिंटन के इतिहास की सबसे सफल शटलर साइना नेहवाल की। ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। हरियाणा की इस होनहार शटलर ने 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर एक नए अध्याय की शुरुआत की। लेकिन इस सफलता के पीछे कई सालों की मेहनत थी जिसने साइना को पूरे विश्व में प्रसिद्धि हासिल करने में अहम भूमिका निभाई। 

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साइना का जीवन

साइना का जन्म 17 मार्च 1990 में हरियाणा के हिसार जिले में हुआ। महज 8 साल की उम्र में साइना के भीतर छिपी प्रतिभा को पहली बार उनके परिवार ने पहचाना। इसी उम्र में साइना में बैडमिटंन खेलना शुरु किया। उनके करियर को नई ऊंचाई देने के लिए साइना का परिवार हरियाणा से हैदराबाद शिफ्ट हो गया। साइना भी अपने परिवार और अपने माता-पिता के सपनो को पूरा करने की ठान चुकी थी। हालांकि साइना को ये खेल विरासत में जरुर मिला लेकिन उन्होनें बाखूबी तरीके से अपने परिवार की गरीमा को आगे बढ़ाया। साइना नेहवाल बैडमिंटन में पूरी तरह से खुद को ढ़ाल चुकी थी। साल 2008 में पहली बार साइना ने BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का खिताब जीता और राष्ट्र पटल पर बैडमिटंन में खुद के नाम की दस्तक दी। 2015 में वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। 

साइना की शिक्षा भी हरियाणा के हिसार से ही हुई। हालांकि हैदराबाद शिफ्ट होने के चलते उन्हें कई बार स्कूल भी बदलने पड़े। साइना ने 10वीं और 12वीं हैदराबाद से ही पास की। साइना नेहवाल के कोच नानी प्रसाद थे जिन्होनें साइना को शुरुआती दौर में बैडमिंटन के गुर सिखाए। इसके बाद साइना ने एस.एम आरिफ से ट्रेनिंग ली। बैडमिंटन के अलावा साइना करांटे में ब्राउन बेल्ट चैंपियन भी रह चुकी है। बता दें कि साइना नेहवाल का पसंदीदा खाना आलू पराठां और कीवी है जबकि साइना को देश विदेश की यात्रा करना सबसे ज्यादा पसंद है। 

साइना का पारिवारिक परिचय

हरियाणा के हिसार में एक जाट परिवार में जन्मी साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह हरियाणा की एक एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में काम करते थे। बचपन से ही साइना के पिता ने साइना को बैडमिंटन के प्रति प्रोत्साहित किया। बैडमिंटन में अगर साइना ने भारत को एक अलग मुकाम दिया तो उसमें साइना के परिवार का काफी अहम योगदान रहा। 

साइना नेहवाल की माता उषा रानी खुद बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी है। साइना की माता स्टेट लेवल पर बैडमिंटन खेला करती थी। अपने दौर में उन्होनें इस खेल में खूब नाम कमाया। यही कारण है कि साइना को इस खेल में रुची अपनी मां को देख कर ही मिली। साइना नेहवाल की शादी 14 दिसंबर 2018 में हुई। साइना नेहवाल के पति का नाम परुपल्ली कश्यप है जो खुद बैडमिंटन की दुनिया में एक जाना माना चेहरा हैं। परुपल्ली कश्यप पुलेला बैडमिंटन अकादमी का हिस्सा थे। 

साइना नेहवाल का करियर

साल 2003 में जूनियर चेक ओपन से अपने करियर की शुरुआत करने वाली साइना नेहवाल ने 2004 कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में दूसरा स्थान हासिल किया। इसके बाद साइना साल 2005 और 2006 में अंडर-19 की नेशनल चैंपियन बनी। 2006 के मई महीने में साइना ने 16 साल की उम्र में 4 स्टार टूर्नामेंट – फिलिपिन्स का खिताब जीत कर एशिया की पहली महिला खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल की। 2008 में साइना वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपिंयन बनी। उसी साल साइना ने इंडियन नेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप’ एवं ‘कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स का खिताब अपने नाम किया। 

साइना का विजय रथ यहीं नहीं रुका, साल 2009 में साइना इण्डोनेशिया ओपन  जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। साल 2010 में साइना ने ‘इंडिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड’, ‘सिंगापूर ओपन सुपर सीरीज’,  ‘इण्डोनेशिया ओपन सुपर सीरीज’ एवं हॉंग-कॉंग सुपर सीरीज’ अपने नाम की। इसी साल दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में साइना ने बैडमिंटन सिंगल में मलेशिया की खिलाड़ी को हरा कर गोल्ड मैडल जीता। इसे साइना की सबसे बड़ी जीत के तौर पर देखा गया। इसके बाद 2012 में लंदन में साइना ओलंपिक क्वालिफाई करने के बाद ओलंपिक खेलों में भारत को ब्रॉंज मैडल दिलाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। 

साइना ने ‘चाइना ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर’ में जीत हासिल कर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। साइना नेहवाल की उपलब्धियां भी कम नहीं रही। उन्हें 2008 में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा साल की सबसे होनहार खिलाड़ी का सम्मान दिया गया। इसके अलावा 2009 में अर्जुन अवार्ड, 2010 में पद्मश्री, 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न, 2016 में पद्मभूषण जैसे पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साइना नेहवाल पुरुस्कारों के मामले में भी बाकी महिला खिलाड़ियों से काफी आगे है। साइना नेहवाल पर बनी फिल्म भी प्रकाशित हो चुकी है जिसे दर्शकों ने काफी पसंद भी किया है। साइना नेहवाल को सबसे सफल भारतीय महिला खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में बैडमिंटन को अलग मुकाम दिलाने में साइना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

2012 लंदन ओलंपिक्स में कांस्य पदक जीत चुकी साइना नेहवाल एक साल पहले राजनीति में कदम रख चुकी हैं। साइना 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी। यूं तो साइना से पहले भी कई खिलाड़ी राजनीति में कदम रख चुके है। फिलहाल साइना 2021 टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में जुटी है। टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों में साइना से फैंस को काफी उम्मीदें रहेंगी।

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