हिमाचल प्रदेश के शीर्ष 5 दर्शनीय स्थल

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हिमाचल प्रदेश भारत में स्थित एक राज्य है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ “बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत” है।हिमाचल प्रदेश को “देव भूमि” भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पनबिजली, पर्यटन और कृषि पर निर्भर करती है।

शिमला दर्शनीय स्थल

ब्रिटिश कालीन समय में ग्रीष्‍म कालीन राजधानी शिमला राज्‍य का महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र है। यहां का नाम देवी श्‍यामला के नाम पर रखा गया है जो काली का अवतार है। यहां घाटी का सुंदर दृश्‍य दिखाई देता है, महान हिमालय पर्वत की चोटियां चारों ओर दिखाई देती है। शिमला जो की एक दर्शनीय स्थल है इसका 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र एक पहाड़ी पर फैला हुआ है। इसके पड़ोस में घने जंगल और टेढ़े-मेढे़ रास्ते हैं, जहां पर हर मोड़ पर मनोहारी दृश्य देखने को मिलते हैं। शिमला विश्व का एक महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग भ्रमण के लिए आते हैं। बर्फ से ढकी हुई यहां की पहाड़ियों में बड़े सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं जो पर्यटकों को बार-बार आने के लिए आकर्षित करते हैं। 

मनाली

मनाली लेह की ओर जाने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर घाटी के सिरे के पास स्थित है। लाहुल, स्‍पीति, बारा भंगल (कांगड़ा) और जनस्‍कर पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई करने वालों के लिए यह एक मनपसंद स्‍थान है। मंदिरों से अनोखी चीजों तक, यहां से मनोरम दृश्‍य और रोमांचकारी गतिविधियां मनाली को हर मौसम और सभी प्रकार के यात्रियों के बीच लोकप्रिय बनाती हैं। ब्यास नदी पर स्थित, यह सोलंग घाटी में स्कीइंग के लिए प्रवेश द्वार है, जहाँ पर्वतारोही पार्वती घाटी में ट्रैकिंग करता है। यह पीर पंजाल पहाड़ों में पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और पर्वतारोहण के लिए 4,000 मीटर ऊँचे रोहतांग दर्रे के लिए एक जंपिंग-पॉइंट है।

कुफरी

अनंत दूरी बर्फ से ढकी चोटियां, गहरी घाटियां और मीठे पानी के झरने, कुफरी में यह सब है। यह पर्वतीय स्‍थान शिमला के पास हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है। कुफरी में ठण्‍ड के मौसम में हर वर्ष खेल कार्निवाल आयोजित किए जाते हैं, जैसे स्‍काइंग, टोबोगेनिंग और पहाड़ियों पर चढ़ना। यह उन पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है, जो केवल इन्‍हें देखने के लिए यहां आते हैं। यह स्‍थान ट्रेकिंग और पहाड़ी पर चढ़ने के लिए भी जाना जाता है, जो रोमांचकारी खेल प्रेमियों का आदर्श स्‍थान है।

डलहौज़ी

डलहौज़ी नामक यह पर्वतीय स्‍थान पुरानी दुनिया की चीजों से भरा पड़ा है, और यहां राजशाही युग की भाव्‍यता बिखरी पड़ी है। इसे 19वीं शताब्‍दी में ब्रिटिश गवर्नर जनरल, लॉड डलहौज़ी के नाम पर बनाया गया था। यह स्थान 14 वर्ग किलो मीटर फैला है, यहां काठ लोग, पात्रे, तेहरा, बकरोटा और बलूम नामक 5 पहाडियां है। इसके आस पास विविध प्रकार की वनस्‍पति-पाइन, देवदार, ओक और फूलों से भरे हुए रोडो डेंड्रॉन पाए जाते हैं। यहाँ कुछ सुंदर गिरजाघर शामिल है। बर्फ से ढका हुआ धोलाधार पर्वत भी इस कस्‍बे से साफ दिखाई देता है।

कुल्‍लू

कुल्लू घाटी को पहले कुलंथपीठ कहा जाता था। कुलंथपीठ का शाब्दिक अर्थ है रहने योग्‍य दुनिया का अंत। कुल्‍लू घाटी भारत में देवताओं की घाटी रही है। यहां के मंदिर, सेब के बागान और दशहरा हजारों पर्यटकों को कुल्‍लू की ओर आकर्षित करते हैं। यहां के स्‍थानीय हस्‍तशिल्‍प कुल्‍लू की सबसे बड़ी विशेषता है।